शान्ति विश्व

मस्सों का आकार तिल से थोड़ा बड़ा होता है और रंग में तिल से कुछ हल्का। साधारण रूप से तिल किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न नहीं करते वरन् इसके विपरीत मस्से प्रायः अच्छी -खासी समस्या उत्पन्न कर देते हैं। मस्सों पर प्रायः बाल उग आते हैं जो बड़े भद्दे लगते हैं। मस्सों का घरेलू उपचार बहुत ही सरल है। बड़े आकार के मस्सों को घोड़े के बाल से कस कर बाँध देते हैं। ऐसा करने से मस्सों को रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती और वे कुछ समय में सूखकर झड़ने लगते हैं। मस्से जब बगलों, हथेलियों, गर्दन, तलवों और गुप्तांगों आदि पर निकल आते हैं तो बड़ी परेशानी होती है। विशेषकर उस अवस्था में जब उसमें खुजली होती है अथवा खून निकलने लगता है।
कुछ चिकित्सक मस्सों के निकलने का कारण कीटाणु मानते हैं जबकि कुछ वैज्ञानिक इसका कारण त्वचा की खराबी बतलाते हैं।लेकिन तथ्य यह है कि अधिकांश मस्से कुछ दिनों बाद स्वयं सूख कर झड़ जाते हैं। यदि ऐसा हो तो उनका उपचार कराकर इस दोष को दूर करना चाहिए। पीपल और बरगद की छाल को दूध में पीस कर मस्सो परं लगाने से मस्से नष्ट हो जाते हैं। चूना और सज्जी पानी में घोल कर मस्सों पर बराबर कुछ दिनों तक लगाने से मस्से नष्ट हो जाते हैं। सीप को आग में जलाकर उसका भस्म बना लें और उसमें थोड़ा-सा गन्ने का सिरका मिलाकर लगाने से वे शीघ्र दूर हो जाते हैं।
मस्सों से छुटकारा पाने के लिए होम्योपैथिक दवा थूज अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होती है। बाह्य उपचार के लिए बोरेक्स का प्रयोग करें।
Add Comment