राजनीति

क्या ऐसे ही काँग्रेस को उबारेंगी सोनिया गाँधी?

साभार सोशल मीडिया

डॉ.बचन सिंह सिकरवार

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हाल में काँग्रेस की अन्तरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का भूमि पूजन समारोह को सम्बोधित करते हुए एक फिर से अपना पुराना राग अलापने से बाज नहीं आयी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को खतरा उत्पन्न हो गया है। उसके द्वारा संविधान और लोकतंत्र को नष्ट किया जा रहा है। श्रीमती गाँधी ने आगे आरोप लगाया कि वर्तमान केन्द्र सरकार देश में न सिर्फ नफरत का जहर फैला रही है, वरन् वह यह भी चाहती है कि लोग अपने मुँह बन्द रखें। यह ही सारे आरोप उन्होंने दस दिन पहले लगाये थे। सच तो यह है कि माँ और बेटे को एक अर्से से इन्हीं आरोप को दोहराते आए हैं। ये सोचते हैं कि ऐसा करके वर्तमान केन्द्र सरकार को बदनाम करने और खुद को लोकप्रिय बनाने में कामयाब हो जाएँगे,तो वह किसी और को नहीं, खुद को धोखा दे रही हैं। हकीकत यह है कि देश के लोग प्रधानमंत्री मोदी सरकार के खिलाफ इन फर्जी आरोप सुन-सुन कर आजिज आ चुके हैं।
आखिर राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी ने यह कैसे मान लेंगे कि देश में लोकतंत्र को खतरा पैदा हो गया है और केन्द्र सरकार ने अभिव्यक्ति पर अंकुश लगा रखा है। अगर ऐसा है तो काँग्रेस ,सपा, बसपा के नेता तथा कश्मीर घाटी के इस्लामिक कट्टरपन्थी न केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर खुलआम झूठे आरोप लगाते आए हैं, बल्कि देश हित के खिलाफ भी बोलते आए हैंं। देश के सोशल मिडिया में प्रधानमंत्री मोदी के विरुद्ध तमाम झूठ फैलाये जाने के साथ उन्हें अपशब्द तक कहे जा रहे हैं। फिर भी ऐसे लोग खुले आम घूम रहे हैं। विभिन्न टी.वी.चैनलों पर होने वाली परिचर्चाओं में इस्लामिक और दूसरे मजहबी कट्टरपन्थी और वामपन्थी नेता और प्रवक्ता खुलकर देश और हिन्दुत्व के खिलाफ जहर उगलते हैं,पर अब तक इनमें से किसी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। उर्दू अखबारों में जो प्रकाशित होता है,उसे देखकर यह पता लगाना मुश्किल ये अखबार भारत में छपते हैं या पाकिस्तान में। क्या कभी इनके खिलाफ सरकार ने कोई पाबन्दी लगायी? प्रधानमंत्री मोदी सरकार द्वारा साम्प्रदायिक जहर कब और कैसे फैलाया जा रहा है,क्या सोनिया गाँधी बताएँगी। सच्चाई यह है कि अब सरकार के स्तर पर अब कोई किसी खास समुदाय या जाति की बात नहीं कही जा रही है।
सोनिया गाँधी के भाषण से यह लगता है कि वर्तमान में केन्द्र सरकार के सारे काम गलत हो रहे हैं और देश सभी मामलों में गर्त में जा रहा है। कोई भी काम सही नहीं हो रहा है। न कहीं कोई विकास कार्य हो रहा है और न देश की सीमाएँ सुरक्षित हैं। यहाँ तक कि सरकार कोरोना विषाणु जनित महामारी से निपटने में विफल रही है। देश में जो कुछ खराब है,वह केन्द्र सरकार की वजह से हो रहा है। अब जो कुछ हुआ वह सिर्फ काँग्रेस सरकारों विशेष रूप से उनके द्वारा किया गया है।
काँग्रेस की अन्तरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी जिस लोकतंत्र, संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की दुहाई देती आयी है। उनमें उन्हें स्वयं विश्वास नहीं है। अगर ऐसा नहीं है,तो पार्टी के स्थायी अध्यक्ष बनाये जाने को पत्र लिखने वालों को क्या इतना बेइज्जत करतीं? क्या पार्टी में चुनाव की माँग करना लोकतंत्र विरोधी आचरण है? क्या पार्टी को पत्र लिखकर सुझाव देना क्या गुनाह है? सोनिया गाँधी जिस अभिव्यक्ति की झण्डाबरदार बन रही हैं, उसकी वह कितनी हिमायती हैं यह उनके स्वयं और पार्टी के आचरण से साबित होता है। रिपब्लिक भारत के सम्पादक अर्णव गोस्वमी के खिलाफ काँग्रेसियों द्वारा डेढ़ सौ से ज्यादा मुकद्दमें दर्ज कराना है,क्या दर्शाता है? उनका कसूर सिर्फ सोनिया गाँधी को लेकर एक टिप्पणी करना था,पर तब सोनिया गाँधी पूरी तरह खामोश रहीं। इसी तरह जी न्यूज के प्रोस्तता सुधीर चौधरी के विरुद्ध काँग्रेसियों द्वारा एफआईआर लिखायी गई। क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सिर्फ नरेन्द्र मोदी पर झूठे आरोप लगाने तक सीमित है? क्या सोनया गाँधी ,राहुल गाँधी तथा प्रियंका वाड्रा यह समझती है कि उनके द्वारा सिर्फ ट्वीट करने से ही सत्ता पलट हो जाएगा,तो यह उनका ख्याली पुलाव के सिवाय कुछ भी नहीं है।
हाल काँग्रेस ने देश भर में मेडिकल की प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा जेईई के कराये जाने कोरोना फैलने की बात कहकर इसका विरोध किया ,जबकि काँग्रेस शासित राजस्थान में कई प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जा रही हैं।क्या केवल नीट और जेईई से कोरोना फैलने का खतरा है। काँग्रेस की अन्तरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी को क्या यह याद दिलाना जरूरी है जि सिर्फ फर्जी आलोचना से सत्ता नहीं मिलती है। उसके लिए रचनात्मक विरोध आवश्यक होता है।यह तब ही सम्भव है जब अपने प्रतिद्वन्द्वी की सम्यक आलोचना की जाए। इसके साथ स्वयं की उन कमियों पर भी आत्ममंथन किया जाए,जिनके कारण उनकी पार्टियों का देश के लोगों का मोहभंग हुआ था और दूसरी बार केन्द्र की सत्त्त भाजपा को सौंपी थी। वसम्पर्क-डॉ.बचन सिंह सिकरवार 63ब,गाँधी नगर,आगरा-282003मो.नम्बर-9411684054

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