देश-दुनिया

क्या कुवैत से लौटने को मजबूर होंगे भारतीय ?

साभार सोशल मीडिया

डॉ.बचन सिंह सिकरवार

साभार सोशल मीडिया

हाल में कुवैत की संसदीय समिति ने जिस विदेशी कामगारों से सम्बन्धित एक मसौदा बिल पर अपनी सहमति की मुहर लगा दी है, जिससे वहाँ काम कर रहे विभिन्न देशों विशेष रूप से भारतीय कामगारों के बड़े पैमाने पर काम छीनने के पूरे आसार दिखायी दे रहे हैं। इस बिल को भारतीय कामगारों में बहुत बेचैनी है,क्यों कि वे जिस मुल्क में सालों-साल से अपना खून-पसीना बहाकर रोटी कमाते आ रहे हैं, अब उन्हें काम देने इन्कार कर रहा है। ऐसे में इन भारतीय कामगारों को रोजगार के लिए कोई दूसरा मुल्क या फिर स्वदेश लौटकर नए सिरे से रोजगार की तलाश करनी होगी। दरअसल, इस विधेयक के माध्यम से कुवैत ने अपने यहाँ विभिन्न प्रकार के कामों में कार्यरत विदेशी कामगारों को हटाना चाहता है। उनकी जगह कुवैतियों को रोजगार देने का इस बिल में प्रावधान है। गत दिनों कुवैत के प्रधानमंत्री शेख सबा अल खालिद अल-सबा ने 70 प्रतिशत विदेशी कामगारों की ंसंख्या घटाकर 30 फीसदी तक लाने का प्रस्ताव रखा था।इसके पीछे उनका इरादा अपने ही मुल्क में अल्पसंख्यक स्थिति में पहुँचने से बचना और कुवैती नागरिकों को रोजगारी के बेहतर अवसर उपलब्ध करना हो सकता है।

साभार सोशल मीडिया

इस मुल्क की नेशनल असेम्बली की कानून और विधायी समिति ने इस मसौदा बिल के अनुसार कुवैत में भारतीयों की संख्या 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसका अर्थ यह हुआ है कि यदि संसद ने यह बिल पारित होता है तो करीब आठ लाख भारतीयों को कुवैत छोड़कर स्वदेश लौटना पड़ सकता है। असम्बेली के स्पीकर मरजूक अल-घनम ने कहा कि वह सांसदों का एक दल मसौदा बिल को सदन को सौंपेगा।
इस समय कुवैत की जनसंख्या 43लाख से अधिक है। इसमें लगभग 30लाख विदेशी हैं। इन विदेशी नागरिकों में करीब आधे यानी 14.5 लाख भारतीय की संख्या बतायी जा रही है। मसौदा बिल को अगर अमल में लाया जाता है तो 15प्रतिशत के हिसाब से कुवैत में साढ़े छह लाख से भी कम भारतीय रह जाएँगे ।इस खाड़ी देश में विदेशी कामगारों से सबसे बड़े समुदाय के तौर पर भारतीय हैं। भारतीय दूतावास के अनुसार करीब 28 हजार भारतीय कुवैत सरकार में नर्स, इंजीनियर और वैज्ञानिक के तौर पर काम कर रहे हैं, जबकि करीब 5.23लाख भारतीय निजी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। शेष भारतीय इनके आश्रित हैं। इनमें लगभग 60हजार भारतीय छात्र भी हैं। ये इस देश के 23 भारतीय स्कूलों में पढ़ते हैं।
कुवैत कुवैत एक छोटा-सा अरब राज्य है,जो फारस की खाड़ी के उत्तरी-पश्चिमी तट पर इराक और सऊदी अरब के बीच स्थित है। इसका ़़क्षेत्रफल 17.818 वर्ग किलोमीटर है। यहाँ के ज्यादा लोग इस्लाम को मानते हैं। ये लोग अरबी और अँग्रेजी बोलते हैं। इस देश की राजधानी कुवैत सिटी और मुद्रा कुवैती दीनार है। यह संसार के सबसे धनी देशों में से एक है। कुवैत की स्थापना सन् 1756 में अल-सबान वंश के शासन के अधीन हुई। 19जून, 1961 की इसे स्वाधीनता मिली। कुवैत संसार में पेट्रोलियम पैदा करने वाला चौथा सबसे बड़ा देश है। इराक ने कुवैत पर 2 अगस्त, सन्1990 को आक्रमण करके अपने अधिकार में ले लिया था। लेकिन संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में संयुक्त बल ने इराक को पराजित कर कुवैत को मुक्त कर लिया।

साभार सोशल मीडिया

अब सवाल यह है कि अचानक कुवैत सरकार को विदेशी कामगारों से सम्बन्धित यह विधेयक पारित करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? इसकी असल वजह तो, वही जानती होगी। लेकिन इसके विधेयक प्रावधानों को देखते हुए लगता है कि उसे अपने मुल्क में खुद की आबादी से ज्यादा दूसरे मुल्कों के कामगारों की तादाद से कुछ न कुछ खतरा जरूर नजर आ रहा होगा। यह भी सम्भव है कि उसे लगता हो, एक हद से ज्यादा बाहरी कामगारों पर उसका आश्रित रहना मुल्क की आन्तरिक सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए सही न लग रहा हो या फिर वास्तव में वह अपने लोगों को रोजगार देना चाह रहा हो। अब यहाँ यह भी तय है कि अचानक कुवैती कामगारों का विदेशी कामगारों की जगह लेना आसान नहीं है, क्योंकि हर काम के लिए प्रशिक्षण और अनुभव आवश्यक होता है, जो पर्याप्त संख्या में शायद ही कुवैती कामगारों के पास हो। फिर भारतीय कामगारों में नर्स, इंजीनियर और तकनीशियन आदि है,जिनका आसानी से विकल्प मिलना असम्भव है। इसलिए भारतीय कामगारों से काम छीन कर स्वदेश भेजने का फरमान सुनना कुवैत के लिए आसान नहीं होगा।

सम्पर्क-डॉ.बचन सिंह सिकरवार 63ब,गाँधी नगर,आगरा-282003मो.नम्बर-9411684054

About the author

Rekha Singh

1 Comment

Click here to post a comment

  • Undeniably believe that which you said. Your favorite reason appeared to be on the net the simplest thing to be aware
    of. I say to you, I certainly get annoyed while people think about worries that they plainly do not know about.
    You managed to hit the nail upon the top and defined out the whole thing without having side effect , people can take a
    signal. Will likely be back to get more. Thanks

    Have a look at my web-site :: Royal CBD

Live News

Advertisments

Advertisements

Advertisments

Our Visitors

0126859
This Month : 10489
This Year : 64152

Follow Me