श्रद्धांजली

एक उभरते हुए सितारे का असमय अवसान

श्रद्धांजलि
डॉ.बचन सिंह सिकरवार

चेहरे पर हमेशा एक स्निग्ध मुस्कराहट बिखरते रहने वाले उभरते अभिनेता सुशान्त सिंह राजपूत आत्मघात सरीखा कदम उठाये जाने से हर कोई स्तब्ध और हैरान-परेशान है। आखिर वे कौन से कारण थे, जिनके चलते अपने नाम ‘सुशान्त’ के अनुरूप अत्यन्त विनम्र, संयत, शान्त स्वभाव के सहज, सरल और नेक इन्सान और ‘सिंह’ की तरह से जुझारू व्यक्तित्व वाला ऐसा कठोर कदम उठायेगा, यह बात उनके स्वजन-परिजन और प्रशंसक सहज स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं, लेकिन उनकी मृत्यु की सच्चाई क्या है, यह तो गहन जाँच-पड़ताल के बाद ही पता चलेगी। यह भी बताया जा रहा है कि वह अवसाद से ग्रस्त थे, जिसका पिछले छह माह से उपचार चल रहा था, लेकिन अवसाद के पीछे के वे कौन-से ऐसे कारण थे, जिनसे वह हार मान कर आत्मघात जैसा कदम उठाने को विवश हुुए, यह भी विचारणीय है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि उन्होंने अपनी फिल्म ‘छिछोरे’ में एक ऐसे पिता की भूमिका अभिनीत की थी, जिसमें वह पिता के रूप में अपने बेटे को आत्महत्या न करने की यह कहते हुए सीख देते है कि परीक्षा में विफल होने का मतलब यह नहीं कि जीने का मकसद खत्म हो गया, लेकिन अब लगता है कि उन्होंने यह सबक/पाठ स्वयं आत्मसात नहीं किया। अगर किया होता, तो यह नौबत ही नहीं आती। वैसे वह अत्यन्त मिलनसार और लोगों के लिए सहयोगी और मददगार थे। वैसे भी सुशान्त सिंह राजपूत बेहतरीन कलाकार थे। इसीलिए जो भी भूमिकाएँ उन्हें मिलीं, उन्हें बहुत अच्छी तरह से निभाने में सफल रहे। उन्होंने एक से एक ख्याति प्राप्त निर्देशकों, अभिनेता, अभिनेत्रियों के साथ कार्य किया। इनमें परिणीति चोपड़ा, अनुष्का शर्मा, सारा अली आदि प्रमुख अभिनेत्रियाँ हैं
सुशान्त सिंह राजपूत का जन्म 21 जनवरी, सन् 1986 को पटना (बिहार) में हुआ है।उनका परिवार पूर्णिय जिले का मूल निवासी है। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा पटना के सेण्ट लारेंस हाई स्कूल से हुई। सन् 2002 में उनका परिवार दिल्ली आ गया। इसके बाद सुशान्त सिंह राजपूत को हंसराज कॉलेज दिल्ली में दाखिल कराया गया। यहाँ से 12वीं करने के पश्चात् इंजीनियरिंग की अखिल भारतीय परीक्षा में सातवाँ स्थान प्राप्त किया। फिर दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (डीटीयू) मंे मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए प्रवेश लिया। उसी दौरान इस दौरान उन्होंने फिजिक्स में ओलम्पियाड में स्वर्ण पदक जीता। इस बीच सुशान्त प्रख्यात नृत्य शिक्षक श्यामक डावर की डांस में नृत्य सीखने लगे। उन्होंने ही सुशान्त सिंह को अभिनय क्षमता का भान कराया। उसके बाद वह बैरी जॉन के एक्टिंग स्कूल में अभिनय के गुरु सीखने लगे। फिर मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़कर सुशान्त सिंह राजपूत मुम्बई आ गए। यहाँ उन्होंने कई धारावाहिकों में अपने अभिनय की अमिट छाप छोड़ी। उनके धारावाहिकों में कार्य की शुरुआत एकता कपूर के धारावाहिक ‘किस देश में है मेरा दिल’से हुई। उसके उपरान्त उन्हीं के धारावाहिक ‘पवित्र रिश्ता’ में मानव देशमुख की भूमिका से एक विशेष पहचान मिली। इसकी अभिनेत्री अंकित लोखण्डे के साथ छह साल तक लीविंग रिलेशन में रहे। बाद में उनसे ब्रेकअप हो गया।
फिर रियलटी शो‘जरा नच के दिखा ’सीजन -2 तथा ‘झलक -दिखला जा ’सीजन-4 में हिस्सा भी लिया। उनके पिता के.के.सिंह सेवानिवृत पुलिस अधीक्षक हैं, जो वर्तमान में पटना में अकेले रह रहे हैं। उनकी चार बहनें हैं, जो विवाहित हैं। उनकी माँ का 2002 में देहावसान हो चुका है, जिनसे उनके बहुत लगाव था। सुशान्त सिंह राजपूत ने गत 3 जून को इंस्टाग्राम पर अपना और अपनी माँ के श्वेत श्याम चित्र के साथ जीवन का क्षणभंगुर कहा था। उन्होंने लिखा था,‘‘आँसुओं से वाष्पित होता धंुधला अतीत, मुस्कराहट की एक लकीर उकेरते हुए अन्तहीन सपने और इन दोनों से जूझता एक क्षणभंगुर जीवन।’’ सुशान्त का अपनी यह भावुकता पूर्ण सन्देश डाला था कि उनके फिल्मी सफर की शुरुआत 2013 में ‘काय पो चे’ से हुई थी, इसमें उनके अभिनय को बहुत सराहा गया। इसी वर्ष यश फिल्म्स के बैनर तले ‘शुद्ध देसी रोमांस, उसके बाद इसी बैनर तले‘ डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी’ में मुख्य भूमिका निभायी। तत्पश्चात् राजकुमार हिरानी की ‘पीके’ में एक पाकिस्तानी प्रेमी की संक्षिप्त, पर महत्त्वपूर्ण भूमिका की।. इसके अलावा उन्होंने सोन चिरैया, एमएस धौनी (द अनटोल्ड स्टोरी ), केदारनाथ, छिछोरे, आने वाली ‘बेचारा दिल’ है, जो देश में लॉकडाउन के कारण प्रदर्शित नहीं हो पायी है ।
डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी में जासूस की भूमिका भी बेहतर तरीके से निभायी। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी के जीवन पर आधारित फिल्म ‘एम.एस.धौनी’में अभिनय किया। इसके लिए सुशान्त सिंह ने अपनी बड़ी बहन मीतू से क्रिकेट के गुरु सीखे।
फिल्म ‘केदारनाथ’ में सुशान्त सिंह राजपूत ने एक पालकी उठाने वाले मुस्लिम की भूमिका को जीवन्त किया था। सुशान्त सिंह राजपूत जैसे उदीयमान सितारे के अचानक गुम हो जाने देश में हर कोई दुःखी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी शोक श्रद्धांजलि देते हुए कहा,‘‘एक बेहतरीन युवा अभिनेता इतनी जल्दी चला गया। मनोरंजन की दुुनिया में सुशान्त के सफर ने कई लोगों को प्रेरित किया। उनके निधन से सदमे में हूँ। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में जहाँ केन्द्रीय कानून, संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद, भाजपा नेता शहनवाज हुसैन आदि है, तो फिल्मीकलाकारों में अभिनेता अक्षय कुमार, अनुपम खेर, अभिनेत्री अनुष्का शर्मा और क्रिकेट खिलाड़ियों सचिन तेन्दुलकर, विराट कोहली आदि हैं। वैसे यह प्रश्न पुनः विचारणीय है कि आखिर सुशान्त सिंह राजपूत के साथ-साथ उनकी पूर्व मैनेजर दिशा सलियन ने 9 जून, उनकी मित्र प्रेक्षा मेहता ने 26 मई तथा मनमीत ग्रेवाल 15मई को आत्महत्या करने को किन कारणों से खुदकशी को क्यों की ? ऐसा किये बगैर हम अपने प्रतिभावान कलाकारों को असमय अपनी जान से गंवाने से बचा नहीं पाएँगे ?

सम्पर्क-डॉ.बचन सिंह सिकरवार 63ब,गाँधी नगर,आगरा-282003मो.नम्बर-9411684054

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